"होइए वही जो राम रची राखा"
होइहि सोइ जो राम रचि राखा - अशवनी शर्मा (प्रदेश संगठन मंत्री , अभाविप गुजरात) जो कुछ श्रीराम ने रच रखा है, वही होगा। तर्क करके कौन शाखा (विस्तार) बढ़ावे । श्री रामचरित मानस में गोस्वामी श्री तुलसीदास जी की लिखी इस चोपाई का मतलब यू तो समय समय पर समझ मे आता है पर आज श्री रामजन्मभूमि पर बड़ी अदालत का निर्णय देखकर पूरी तरह से समझ मे आ गया ।9 नवम्बर 2019 भारत के इतिहास का एक ऐतिहासिक दिन बन गया दशकों या कहे शताब्दियों से चले आरहे श्रीराम जन्मभूमि प्रकरण पर देश की मुख्य अदालत ने अपना निर्णय सुना दिया तीस वर्ष पूर्व इसी दिन 9 नवम्बर 1989 को बहुचर्चित श्रीराम मंदिर आंदोलन की नींव भी पड़ी फैसले का यह दिन अदालत ने क्यों चुना यह तो पता नही पर शनिवार का यह दिन श्रद्धा पर सविधान की मुहर का दिन बन गया । तिरपाल में बैठे न्याय की आस लगाए श्री रामलला विराजमान को आखिर उनकी जन्मभूमि पर एकाधिकार प्राप्त हुआ । नियमित सुनवाई के बाद पूरा देश निर्णय की प्रतीक्षा में था 5 से 17 नवम्बर तक कब निर्णय आये राम जाने और निर्णय क्या आएगा वह भी राम ही जाने बस सालों के इस विवाद पर देश निर्णय चाहता था! अंत...