कविता
फल की बाट
कर्म कर फल की चिंता मत कर जुमला पूराना हो गया
कर्म करके बात जोते फल की हमे एक जमाना हो गया
अब चलती है व्हाट्सअप की सीन और अनसीन की कहानी
वो चिट्ठी और तार को भूले एक जमाना हो गया
अब रोज़ हो जाती है डियर से रात में चैटिंग
वो बैचेन हो झरोखे में बाट जोना पिया की
अब पूराना हो गया
कर्म करके बाट जोते फल की .... ......
अब चायनीज़ फ़ूड पिज्जा और डेटिंग में मेल
जमुना किनारे राधाकृष्ण का प्रेम बीता जमाना होगया
कार में ही हो जाती है अब सारी आश्कि
वो बाग़ में सिया का राम को देखना और मुस्कुरा जाना अब पुराना हो गया
कर्म करके बाट जोते फल की हमे जमाना हो गया...........
अब आईफोन पर चैटिंग और mts पर लम्बी बाते
चिट्ठी में कलेजा निकाल रखने का हुनर अब पुराना हो गया
कोचिंगों और कॉलेजों में ही अब मिलजाते है दिल
वो खिड़कियों के चाँद और ..तय होना जोड़िया भगवान के घर पर
कहानियों और किस्सो का दौर "अक्स" अब पुराना हो गया
..कर्म करके बात जोते फल की हमे जमाना हो गया.

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