ख्वाब

अपने आसुओ की स्याही में डुबोकर कलम
दिल के पन्नो पर तुम्हे लिखा करता हूं
मैं रोज ख्वाबो में एक खता करता हूं
तुम्हे मैं अभी भी मिला करता हूं

हँसना-मुस्कुराना,रूठना मनाना
छिपकर मिलने आना,रोज नया बहाना
एक एक पल को याद आँखे भिगोकर करता हूं
दिल के पन्नो पर तुम्हे लिखा जरूर करता हूं
मैं रोज ख्वाबो में एक खता करता हूं...…...

जिंदगी है तुम्ही से या तुम्ही हो जिंदगी
सोच में भूलकर सब,कहि खो जाया करता हूं
जब तुम्हारी कमी सी महसूस होती है कभी कभी
दिल के इन्ही पन्नो में "अक्स"ढूंढता रह जाया करता हूं
में रोज ख्वाबो में एक खता करता हूं
तुम्हे मैं अभी भी मिला करता हूं
                           -अशवनी कुमार "आज़ाद"
                           (17 फरवरी 2018 ,12:54 )

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