वामपंथी विलाप
वरिष्ठ पत्रकार #गौरीलंकेश की हत्या निंदनीय है जिम्मेदारों को शीघ्र कार्यवाही करनी चाहिए पर इस हत्या पर हिन्दू बिग्रेड ,गोडसे गैंग,संघ जैसे शब्दों का उपयोग कर राजनीति करने वाले लोग घिनोनी मानसिकता का परिचय देते दिखाई दे रहे है । गौरी लंकेश भले ही देश विरोधी गैंग कन्हैय्या कुमार और उमर खालिद की पैरोकार हो,एनडीटीवी जैसे घटिया प्रसारक चैनल के समानान्तर रही हो ,बरखा दत्त रवीश कुमार जैस देश विरोधी पत्रकार परिवार की सदस्य हो पर उनकी कोंग्रेस शासित राज्य में हत्या होने पर पूरे दोषी केंद्र सरकार ही है ये कुछ लोग तय कर चुके है।
दुर्भाग्य है मीडिया को केरल में बदतर सलूक कर वीभत्स तरीके से मारे जा रहे स्वयंसेवक नही दिखते,बंगाल में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर आँखे बंद किये , हम भूल जाते है तुम वही हो जो कश्मीरी पंडितों को कश्मीर से निकाले जाने पर मौन रहकर पत्थर वाजो की आवाज बनते हो ।
वामपंथ विश्व के प्रत्येक देश मे अपने देश के विकास करता है चीन की कम्युनिस्ट सत्ता चीन के विकास के लिए हर हद को पार करती दिखाई देती है पर भारत के वामपंथी जिस देश मे रहते है,खाते है ,सम्मान पाते है उसी देश के टुकड़े करने का नारा लगाते है नकली वामपंथ का यह चेहरा अब उजागर है, स्पष्ट है ।
हज़ारो मौतों ओर बलात्कार जैसी घटनाओं पर,केरल व बंगाल के सरकार समर्थित हत्या कांड ,कश्मीर में सेना पर पथराव,चीन-डोकलाम विवाद ,निर्दोष सिद्ध हुई साध्वी प्रज्ञा षड्यंत्र पर चुप्पी साधने वाले केवल कंलबुर्गी ,अखलाक ओर गौरी लंकेश की हत्या पर ही क्यों रोते पीटते ओर अवार्ड वापस करते है यह विचार करके देश को गुमराह कर नुकसान पहुचाने के षड्यंत्र को समझना होगा ।
गौरी लंकेश की हत्या से जुड़े सवालों पर भी गौर करना जरूरी है कि गौरी लंकेश पैट्रिक का पूरा नाम क्यों नहीं लिखा जा रहा है ..? ,कर्नाटक सरकार की बजाय प्रश्न आरएसएस ओर केंद्र सरकार से क्यों .?, गौरी के उसी दिन के ट्वीट किस ओर इशारा कर रहे है ...? ,वो अपने वामपंथी साथियों को एकजुट ओर आपसी झगड़े को खत्म करके शांति से रहने की अपील क्यों कर रही है ,पिछले कुछ समय से उसने कई नक्सलियों को मुख्यधारा में जोड़ा इसलिए उसपर खतरा था ऐसा गौरी के भाई ने बताया...? उक्त सवाल इशारा करते है कि उपयोग ना होने पर व्यक्ति की हत्या कर उसे सरकारों के खिलाफ़ बवाल के रूप में उपयोग करने की वामपंथी परंपरा का शिकार पहले हैदराबाद का रोहित बेमुला बना और अब गौरी लंकेश।
निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच के साथ सच सबके सामने लाने की आवश्यकता है ताकि देश को इस तथाकथित वैचारिक ,बुद्धिजीवी वर्ग से बचाया जा सके।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें